28 मार्च 2008

क्या चाहिए इंसान को?


क्या चाहिए इंसान को?
जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान|
क्या चाहिए इंसान को?
दो वक्त की रोटी
या चाहिए
बर्गर, पिज्जा और सेंड-विच|
क्या चाहिए इंसान को?
तन ढकने को कपड़े
या चाहिए
पीटर-इंग्लेंड और पेंटा-लून|
क्या चाहिए इंसान को?
सर पर एक छत
या चाहिए
सोने की सलाखों से बना महल|
क्या चाहिए इंसान को?
सोना-चांदी,
हीरा-मोती,
पाँच सितारा होटल,
रूपैये-पैसों का ढ़ेर,
या अपने सपनों का महल?
क्या चाहिए इंसान को?
खुली हवा,
चैन की साँस,
मन की शांति,
और दाल-रोटी|
क्या चाहिए इंसान को?
मृग-त्रिसना,
छलावा,
झूठा अहम् ,
या चाहिए
वास्तविकता,
आत्म्स्वाभिमान,
और सच्चाई|
ये सच
जो बदल न सके कोई
आए है जगत मे
जाना भी है यहाँ से
ना कुछ ले कर आए हैं
ना कुछ लेकर जायेंगे
फिर इसे क्यों झूठ्लाये हैं?
पूछ अपने मन से ....
क्या चाहिए इंसान को .....
पाँच तत्व से बना यह शरीर
होगा एक दिन विलीन
फिर क्यों ना समझे?
क्या चाहिए इंसान को...?

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

is sawal ka sacha jawab hamare paas bhinahi,kavita bahut achhi ban padi hai,jitna paao insaan hamesha asantusht rehta hai,jyada ka moh.