19 जनवरी 2010

आजमा कर तो देखो दोस्तों


विश्वाश की डोर को थामे रहना
देखना एक दिन, भोर हो ही जायेगी
बड़ी ताकत है इस डोर मे
तुम्हें हर मुश्किल से खीच लाएगी|

निश्चय जो हो संकल्प
उस दृढ़ता की पतवार को खेवते रहना
मुश्किल से मुश्किल धार को झेल कर
जीवन की नैया किनारे लग जायेगी|

चलते रहना , उस राह पर जो तुमने है चुनी
लांघ कर सभी पहाड़ -पर्वत , जो राह तुम्हारी रोके
देते हुए हर एक कठिनाई को चुनौती
राहे -राहों से मिलते मिलाते , मंजिल तक पहुँच जाएँगी|

बहुत आसन है इन बातों पर अमल करना
एक बार आजमा कर तो देखो दोस्तों
बस मुस्कुराने की आदत सी डाल लो
गम के साए भी तुम्हें छू न पायेंगे|

18 जनवरी 2010

कभी कभी


कुछ राहों पर चलते चलते,
कुछ राहें मिल जाती हैं|
कभी यु ही देखते देखते,
आसमान मे बादल छा जाते हैं|
ऐसा भी हुआ है, कई बार
दिशाहीन होकर नई दिशा मिल जाती है|
कभी अकेले कदम बढाते बढ़ाते,
हमकदम भी मिल जाते है|
कितनी बातें अनहोनी सी लगाती है
लेकिन कभी कभी वो भी हो जाती है|
सोच की धारा मे बहते बहते,
सोच के आधार बदल जाते है|
बस सच है तो इतना , हर पल कुछ होता है
हर दम कुछ कंहीं बदलता रहता है|
यु भी तो होता है कभी कभी,
जो न सोचा था वो बात भी बन जाती है|
जिंदगी कितने रंग लेकर आती है,
कभी कभी रंगहीन पटल पर, कई रंग बिखेर जाती है|