कभी किसी मोड़ पर मुड़ जाना ही
अच्छा होता है,
शायद, कदमों से तुम्हारे
आकर मिल जाएँ कदम किसी और के|
कभी किसी पल का रुक जाना ही
अच्छा होता है,
शायद, इंतजार मे तुम्हारे
कोई खींच रहा हो उस पल को पास अपने|
कभी किसी सपने का टूट जाना ही
अच्छा होता है,
शायद, सपनों की दुनिया से बाहर
दिखने लग जाएँ तुम्हें कोई सच्ची तस्वीर|
कभी किसी का हाथ थाम लेना ही
अच्छा होता है,
शायद उन्ही हाथों मे
लिखी गई हो तुम्हारी भी तक़दीर|