15 फ़रवरी 2008

कल फिर सुबह होगी ...



कल फिर सुबह होगी ...
और तुम ,
चल दोगे अपना हाथ छुड़ा कर
मेरे हाथों से .....................
कल फिर सुबह होगी ...
मैं फिर ,
रोकूंगी तुम्हें ,तुम न मानोगे
चल दोगे
मुझे
रुला कर
आंखों को मेरी , नम कर .............

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