13 फ़रवरी 2008

वाह रे लेपटोप


लेपटोप क्या बना !
दुनिया को नया रूप मिला |
जब से लेपटोप स्टेटस सिम्बोल बना
घरवालों ने एक नहीं , दो- चार खरीदा |
एक चुन्नी का ,एक मुन्नी का
एक श्रीमती का , एक श्रीमान का |
अब सबकी ख़ास जरुरत है लेपटोप
बिना इसके कुछ भी न होता फटाफट |
श्रीमान इसे ऑफिस मे चलाते हैं ,
श्रीमती इसे घर मे चलाती हैं |
अपने बच्चो का दिल बहलाती हैं ,
इंटरनेट क्या जुड़ा इससे ,
यही टीवी बना ,यही फ़ोन बना
श्रीमान के जाते ही , श्रीमती ऑनलाइन हो जाती हैं
अपनी सखियों-सहेलियों से जी भर बतियाती हैं |
श्रीमान जब भी घर आते हैं ,
लेपटोप के साथ कुछ ई-मेल भी लाते हैं |
श्रीमती जब श्रीमान से रूठती हैं ,
तब भी फ्री टीवी .कॉम पर सास-बहु सीरियल देख डालती हैं |
बच्चे कार्टून के लिए ,
इसे तबला बना देते हैं |
ऑनलाइन कुछ दोस्त बार-बार पिंग करते होते हैं |
जब ऑफिस के कामो से श्रीमान जी थक जाते हैं ,
श्रीमती जी तब भी उन्हें याद ना आती है ,
जी बहलाने को याहू मेस्संजर के दोस्तों से चेत्तिंग कर लेते हैं |
श्रीमती जी किसी और लेपटोप पर फ़िल्म डाउन लोड करती होती हैं |
वाह रे वाह !
सुबह इसी से और शाम इसी से होती है ,
सारी दुनिया इसमे उलझी रहती है ,
ऊपर वाले की बड़ी दुनिया गूगल.कॉम मे सिमट गई ,
जब ख़ुद थक जाते है ,
घरवाले , सो जाते हैं
लेकिन
लेपटोप को तब भी आराम न होता है ,
उस वक्त भी वो स्टैंड बाय मोड मे रहता है |

1 टिप्पणी:

Sanjay Tiwari ने कहा…

लैपटॉप अभी तो फैशन है लेकिन असल में यह एक मुसीबत है जो आपके काम और आराम के बीच का फर्क ही खत्म कर देता है.