31 दिसंबर 2008

नव बर्ष की शुभकामनायें


कुछ आंसू की बूंदें
कुछ खुशी की लहर
आंसू मे भी वोही चमक
जो छिपी खुशी मे हमारे
फिर कांहें चिंता दुःख की
क्यों व्यथा से घबराएं
फिर कांहें स्वार्थ सताए
क्यों सब बटोरने की सोचे
कर कुछ भला बन्दे
दे दुनिया को कुछ तोहफे
याद करे दुनिया तुझे
जब भी नाम तेरा आए
दाता को है सब की ख़बर
दाता को है सबकी फिकर
इतना ही कहे हम
जोड़ कर दोनों हाथ
....हम चले नेक रस्ते पर
हम से भूल कर भी कोई भूल हो ना......

2 टिप्‍पणियां:

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

Menaka ji,
Nav varsh men apne bahut achchhe sandesh diye hai.
Apko bhee naya sal mubarak ho.
Poonam

इरशाद अली ने कहा…

sundar prastuti. bahut accha laga.